Is liquor Ban in Bihar Successful [ Hindi Case Study ]
मैं आपको आंकड़ों के साथ बिहार में शराब बंदी के बारे में कुछ तथ्य बताने जा रहा हूं। आपको शराब बंदी की वास्तविकता पता चल जाएगी और शराब बंदी सफल है या नहीं आप यहाँ विस्तार से जानेंगे।
इस बीच, आप मेरे चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हैं।
https://www.youtube.com/channel/UCF3XAA7OkxeIFMFX3GS7hyg?sub_confirmation=1
क्या बिहार में शराबबंदी सफल है?
- हर साल, गुजरात लगभग 20,000 करोड़ रुपये का Revenue खो देता है और बिहार शराबबंदी के कारण लगभग 10,000 करोड़ रुपये खो देता है।
- गुजरात सरकार को 1961 से अब तक लगभग 30 मिलियन रुपये revenue घाटा होने का अनुमान है और वही बिहार भी घाटे की रेस में पीछे नहीं |
- बिहार में शराब बंदी लागू करना सही या गलत अभी तक जनता के बिच में एक रहस्य ही है |
- Actor ऋषि कपूर जी ने कहा था कि इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा, Actor जबकि फरहान खान और अन्य ने समर्थन किया सरकार का यह जबरदस्त फैसला।
- मेरे विचार के अनुसार, बिहार में शराब बंदी एक उल्लेखनीय निर्णय है, लेकिन.ये एक निर्णय कागजो पर सिर्फ अच्छा दिखा रहा है |
- क्या बिहार में शराब बंदी महज एक कानून बन कर रह गया |
बिहार में शराब का इतिहास
- 26 नवंबर 2015 को, Bihar सीएम नीतीश कुमार ने घोषणा की कि 1 अप्रैल 2016 से राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। आधिकारिक रूप से 5 अप्रैल 2016 को प्रतिबंध घोषित किया गया।
- आप न केवल बिहार में पी सकते हैं, बल्कि आप किसी भी रूप में इसका निर्माण या भंडारण नहीं कर सकते।
- शराबी के लिए कानून बहुत सख्त है! अगर कोई शराब पीता हुआ पकड़ा जाता है तो उस पर 50000 / – या तीन महीने की जेल का जुर्माना लगाया जाएगा।
- दूसरी बार पकड़े जाने पर उसे 1 लाख रुपये का जुर्माना और 5 साल की जेल होगी। अब संपत्ति, जहां शराब बरामद हुई थी, जब्त नहीं की जाएगी
Article 47 क्या कहता है?
राज्य सरकार Alcohol और दवाओं (Medicines) के सेवन पर प्रतिबंध लगा सकता है अगर ये चिझे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं तो लेकिन औषधीय प्रयोजनों पर सरकार प्रतिबंध नहीं लगा सकती|
संबिधान और सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शराब का व्यापार कोई मौलिक अधिकार नहीं है।
ममता बनर्जी जो की पश्चिम बंगाल की चीफ मिनिस्टर है| उन्होंने ने बस इस बात का दुविधा वाली विकल्प छोड़ दिया है कि “पिए या न पिए ” और आदेश दिया कि ड्राई डे रहेगा मगर केवल चार दिन – स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, माहत्मा गांधी और डोल जत्र दिवस की जयंती लेकिन वो भी केवल दोपहर 2 बजे तक|
Alcohol Incident in Bihar
बिहार में शराब हादसा
Gopalganj hooch tragedy
- 16 अगस्त 2016 को शराब के जहर ने बिहार के गोपालगंज शहर में 16 लोगों की जान ले ली थी । न्यूज़ चैनल और गवर्नमेंट डाटाबताता है की पीड़ितों ने हूच यानि (देशी शराब) का सेवन किया था और उसके बाद उनकी जी मिचलाना और पेट दर्द की शिकायत की थी ।
- मैं आपको ये भी बता दू की उस दिन स्वतंत्रता दिवस और लोग उस दिन एक उत्सव के मूड में थे और एक ऐसी जगह पर पीने के लिए गए जो अवैध शराब परोसती थी ।
- शशिकांत भट्टो पीड़ित का भाई महेश महतो ने बताया की – अगले सुबह उन्हें पेट में दर्द और जी मिचलाना की शिकायत होने लगी|
Politician Arrested in Alcohol case
राजनेता शराब मामले में गिरफ्तार
NDTV के मुताबिक मधुबनी जिले के राजद उपाध्यक्ष सचिन कुमार चौधरी को 25 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
- अरेस्ट इसलिए किया गया था क्यंकि उन्होंने ने सोशल मीडिया वेबसाइट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी अभियान के खिलाफ कथित रूप से एक Offensive and abusive( “आपत्तिजनक और अपमानजनक”) पोस्ट अपलोड की गई।
- Times of India के मुताबिक तालाबंदी के बीच जेडी-यू के युवा प्रदेश उपाध्यक्ष विशाल गौरव ने अपने हाथ में शराब की बोतल के साथ नाचते-गाते और नाचते हुए नृत्य किया।
- deccan herald के मुताबिक बिहार में 4 पुलिस बर्खास्त हुआ | उनमें से 3 शराब निषेध कानून (liquor prohibition law) का उल्लंघन करने के लिए अरेस्ट किए गया|
Alcohol related Arrests Data
शराब से संबंधित गिरफ्तार डेटा
- Alcohol Act के तहत लगभग 214000 मामले दर्ज किए गए हैं| 255000 लोगों को booked किया गया है और 167000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
- उच्च न्यायालय High Court में लगभग 40,000 जमानत याचिकाएँ लंबित (pending) हैं|
- शराब के मामलों में जितने लोग गिरफ्तार किए गए उसमे 62 प्रतिशत लोग शराब पीते हुए पकड़े गए और 32 प्रतिशत लोग गए तस्करी करते हुए पकड़े गए थे।
Alcohol Black Marketing
शराब की कालाबाजारी
- NDTV ने बताया कि “छापे में जब्त की गई 9 लाख लीटर से अधिक भारतीय और विदेशी शराब मिले थे ।” ये वही शराब है जिसको पुलिस वाले ने जब्त किया था और बता दिया गया था की चूहे ने शराब को पि गया|
- लगभग रोजाना हम शराब की बोतलें या शराब ले जाने वाले किसी भी वाहन को जब्त करने के बारे में समाचार सुनते रहते हैं। अब ये एक आम बात हो गए है |
- इससे पता चलता है कि कालाबाजारी करने वाले इससे कितने ज्यादा पैसे कमाने के लिए बेताब हैं।
- ट्रकों में राज्य में लाई जा रही ये शराब की बोतलें भी पुलिस विभाग को अवैध धन की खरीद में मदद कर रही हैं।
- नवंबर 2017 में, Excise and Prohibition department टीम ने मुज़फ़्फ़रपुर में लगभग 1 करोड़ रुपये मूल्य के इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) के 300 कार्टन जब्त किए।
- पीने के पानी की आपूर्ति के लिए एक टैंकर (कंटेनर) का उपयोग बिहार या अन्य राज्यों में किया जाता है मगर बिहार में इसको शराब तस्करी के परिवहन के लिए किया जा रहा है।
- दिलचस्प बात यह है कि सरकार के लोकलुभावन योजनाओं जैसे ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और ‘बेटी पढाओ, बेटी बचाओ’ के slogans उसी टैंकर पर लिखे हुए थे |
- भारत के हरयाणा में बनी विदेशी शराब (IMFL) का 330 cartons उसी टैंक में बरामद हुआ और साथ में 400 पाउच देशी शराब के टैंकर भी जब्त किए गए।
Udta Punjab way
- डिसा डी-एडिक्शन एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (Disha De-Addiction and Rehabilitation Centre) ने 2016 से मादक द्रव्यों (ड्राई ड्रग्स ) के सेवन के मामलों में 30% की वृद्धि दर्ज की हैं |
- इंडिया टुडे के मुताबिक बिहार में 100 रुपये में भांग का एक पाउच मिलता हैं और एक किलो भांग 16,000 रु में मिलता हैं ।
- ये चिझे नेपाल सीमा पार से लाये जाते है और बस प्रशासन को (रिश्वत) देनी होती है। हर महीने 5,000-10,000 रुपये तक।
नारकोटिक टीम ने 12 किलो भांग 2015 में , 382 किलो 2016 में और साल 2017 अप्रैल तक 7,000 किलो भांग जब्त की थी |
पटना के जक्कनपुर से पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने लगभग 25 ग्राम ब्राउन शुगर जब्त किया था जिसका अंतरराष्ट्रीय बाजार में 50 लाख रुपये कीमत है | यानि की इसकी कीमत 2 करोड़ है per किलो के हिसाब से |
Gupteshwar Pandey, DGP Bihar n Bihar:
हर कांस्टेबल और कमिश्नर को पता होता है कि उनके इलाके में शराब कौन बेचता / पीता है। बीना थाना के जानकरी के पात भी नहीं हिल सकता| कोइ माई का लाल एक बोतल देउरु नहीं बेच सकता बिहार में |
Alcohol Ban Negative Impact
शराब प्रतिबंध नकारात्मक प्रभाव
- Ethyl alcohol, absolute alcohol, and spirit ट्यूबरक्लोसिस बीमारी में डायग्नोस्टिक टेस्ट के लिए इस्तेमाल होता हैं जो की अब बिहार में कही नहीं मिलता क्यूंकि यहाँ alcohol ban हैं |
- बिहार में पिछले साल सरकारी अस्पतालों में tuberculosis के 64,158 मामले दर्ज किए गए थे, जो राज्य में होने वाले कुल मामलों का 33% है। इसका मतलब tuberculosis टोटल 194418 केसेस पिछले साल थे |
- और जरूरी चिझे उपलब्ध नहीं होने के कारन शायद उनलोगो का इलाज नहीं हुआ होगा या फिर उनको दूसरे राज्य जाना पड़ा होगा या शायद अब इस दुनिया में नहीं होंगे|
- दिशा टीम ने शराब से संबंधित उपचार में 80 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की
The decision of the public on Alcohol Ban
शराब बंदी पर जनता का फैसला
- इसमें कोई शक नहीं कि बिहार में शराब बंदी के बाद कई लोगों के जीवन में सुधार हुआ है। शराब बंदी से पहले, यह कहा जाता है, पहले दैनिक झगड़े और घरेलू हिंसा के मामले हुआ करते थे जो अब लगभग कम मामले दर्ज किए गए हैं।
- राज्य में अपराध की दर कुछ कम है।
- राज्य में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी कमी आई है
Deccan chronicle के मुताबिक 2016 में अपराध दर में लगभग 27 प्रतिशत की कमी आई है।
बिहार ADGP अलोक राज के मुताबिक अप्रैल 2015 में 276 हत्या के मामले थे और वो गिरकर अप्रैल 2016 में 206 हत्या हो गए | मतलब हत्या में 25.36 प्रतिशत की गिरावट|
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक अप्रैल 2015 में फिरौती के लिए 12 लोगों का अपहरण कर लिया गया, जबकि अप्रैल 2016 में यह संख्या घटकर एक हो गई
2016 में बलात्कार के मामलों की संख्या 112 से गिरकर 59 हो गई, 47.32 प्रतिशत की गिरावट।
Is liquor Ban in Bihar Successful
Bihar Tourism
2018 में, 5 करोड़ से अधिक Domestic Tourist घरेलू पर्यटकों और 17 लाख से अधिक international TOursit विदेशी पर्यटकों ने राजस्थान का दौरा किया है। वर्ष 2018 में , बिहार ने 3 करोड़ से अधिक घरेलू पर्यटकों और 10 लाख विदेशी पर्यटकों को देखा।
“लेकिन एक बुनियादी अंतर है। राजस्थान में, पर्यटक जयपुर, उदयपुर और माउंट आबू जैसी जगहों पर आते हैं, होटलों में रहते हैं, स्थानीय बाजारों से खरीदारी करते हैं – ये स्थानीय अर्थव्यवस्था को चलाते हैं। लेकिन बिहार में यह धार्मिक पर्यटन है |
वे होटलों में नहीं रहते हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था में बहुत कम योगदान देते हैं
शादी, सम्मेलन से संबंधित होटलों में बुकिंग में 40 प्रतिशत की गिरावट आई है क्योंकि ये ग्राहक अब झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में होटल बुक करना पसंद करते हैं।
Bihar Future
2005 में, जब JDU सरकार ने सत्ता संभाली, तब बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या 69.43 लाख थी।
शराबबंदी लागू होने से एक साल पहले 2015 में बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या 2.89 करोड़ थी, जिसमें 9.23 लाख विदेशी शामिल थे।
2019 में, बिहार में 3.51 करोड़ पर्यटकों की संख्या दर्ज की गई। इसमें 10.93 लाख, विदेशी पर्यटक शामिल थे।
पिछले चार वर्षों में, पर्यटकों की संख्या में 62 लाख की वृद्धि हुई है, जो 21% की वृद्धि पर एक प्रभावशाली वर्ष दर्शाता है।
अगर बिहार की जगह दूसरा राज्य होता तो वो टूरिस्ट प्लेस पर धयान देती और वह से रेवेनुए कमाने का कोई रास्ता निकल लेती|
जितने भी आपको इस video में इनफार्मेशन बताया ये सभी बाते आपको चंद्रवंशी org वेबसाइट पर मिल जाएगी |
मैं आपसे पूछना चाहूंगा की बिहार में शराब बंद सही डिसिशन था या गलत ? कमेंट कर के बताये|
और चैनल को और चैनल को सब्सक्राइब कर ले क्यूंकि दूसरी वीडियो आने वाली हैWhy Bihar is Backward.